रेलवे का सर्वर डाउन कर ई-टिकट का काला कारोबार करने वाले दाे इंजीनियर गिरफ्तार

अवैध सॉफ्टवेयर से रेलवे का सर्वर डाउन कर ई-टिकट की कालाबाजारी करने वाले दो इंजीनियर अभिषेक गुप्ता और महेंद्र सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की करतूत से दादरी रेलवे स्टेशन, अल्फा-1और बीटा-1 स्थित रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर तत्काल बुकिंग नहीं हो पा रही थी। इससे यात्री परेशान थे। मूल रूप से बिहार निवासी अभिषेक और महेंद्र सोनी गुरुकृपा टेलीकॉम से पांच सौ रुपये से दो हजार रुपये अधिक लेकर यात्रियों को तत्काल टिकट की बिक्री कर रहे थे। आरोपी लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की अवैध कमाई से मकान और प्लाॅट खरीद चुके हैं। आरोपियों के कब्जे से आरपीएफ ने 46 टिकट, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर और दो मोबाइल बरामद किए हैं।

दादरी आरपीएफ प्रभारी एसके वर्मा ने बताया कि प्रयागराज के सुरक्षा आयुक्त के आदेश पर रेलवे ई-टिकटों के अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ पैन इंडिया ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आरपीएफ को जानकारी मिली कि दादरी रेलवे स्टेशन के और ग्रेटर नोएडा स्थित अल्फा-1 व बीटा-1 स्थित रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर सुबह तत्काल टिकट नहीं बन पा रही है। इन केंद्रों पर रेलवे का सर्वर डाउन रहने की बात कही जाती थी

इसकी आरपीएफ की साइबर टीम ने जांच की तो पता चला कि नेक्सस नाम के अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। इससे रेलवे का सर्वर डाउन हो जाता है। तत्काल टिकट बुकिंग में देर होती है। जांच में पता चला कि अभिषेक सेक्टर-2 स्थित अपने घर और महेंद्र सोनी सेक्टर-150 कोंडली बांगर में गुरुकृपा टेलीकॉम टिकट काउंटर खुद टिकट बुक कर टिकटों की कालाबाजारी करते हैं। इससे आम रेल यात्रियों को निर्धारित मूल्य पर टिकट नहीं मिल पा रहे थे। दोनों आरोपी बीटेक की पढ़ाई करने के बाद काले कारोबार में लिप्त हो गए थे

आरोपी एजेंट आईडी की आड़ में टेलीग्राम एप के माध्यम से 50 रुपये में पर्सनल यूजर आईडी खरीदकर ब्लॉक कर देते थे। इसके बाद अन्य पर्सनल यूजर आईडी से अवैध सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर टिकट बनाते थे। इस सॉफ्टवेयर की स्पीड रेलवे के सॉफ्टवेयर से 40 गुना अधिक है। आरोपी क्यूआर कोड के माध्यम से ग्राहकों से रुपया लेते थे। जिससे जांच में आसानी से आरोपियों का पता नहीं चल पाए।

 

 

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