आरबीआई के शोध में दावा,पुरानी पेंशन लागू होने से राज्यों की वित्तीय स्थिति हो सकती है अस्थिर 

मुंबई: राज्यों का पुरानी पेंशन योजना पर वापस लौटना पीछे की ओर कदम रखने जैसा है। यह मध्यम से लंबी अवधि में राज्यों के वित्तीय स्थिति को अस्थिर कर सकता है। आरबीआई के एक शोध पत्र में  कहा गया कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मामले में राजकोषीय बोझ नई पेंशन योजना से 4.5 गुना तक अधिक हो सकता है। हालांकि, आरबीआई ने कहा है कि यह लेखकों का मत है। यह उसका विचार नहीं है।

हाल में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश ने पुरानी पेंशन को लागू करने का फैसला किया था। लेख में कहा गया है कि ओपीएस में परिभाषित लाभ हैं, जबकि एनपीएस में योगदान परिभाषित है। ओपीएस में अल्पकालिक आकर्षण है। वही मध्यम से लंबे समय में यह राज्यों के लिए एक चुनौती बन सकता है।

राज्य 2040 तक ओपीएस पर वापस लौटने से वार्षिक पेंशन खर्च में सकल घरेलू उत्पाद का केवल 0.1 प्रतिशत बचाएंगे। लेकिन 2040 के बाद वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के 0.5 प्रतिशत तक पेंशन खर्च में औसत अतिरिक्त वृद्धि करनी होगी। लेख में चेतावनी दी गई है कि राज्यों का ओपीएस पर वापस लौटने से लंबी अवधि में उनके राजकोषीय तनाव को अस्थिर स्तर तक बढ़ा सकता है। ओपीएस में वापस जाने वाले राज्यों के लिए तात्कालिक लाभ यह है कि उन्हें वर्तमान कर्मचारियों के एनपीएस योगदान पर खर्च नहीं करना पड़ेगा, लेकिन भविष्य में बिना वित्तपोषित ओपीएस से उनकी वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर हो सकता है।

 

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