देसी जायके के फैन हुए विदेशी मेहमान, आईटीसी होटल ने वैश्विक नेताओं को परोसा बाजरे से बना व्यंजन
नई दिल्ली। जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल विश्व नेताओं के लिए परोसे गए व्यंजनों में आईटीसी होटल चेन द्वारा बाजरा-आधारित शाकाहारी कई व्यंजन रखे गए हैं।
नई दिल्ली के आईटीसी शेरेटन की दो महिला शेफ ने बाजरा से तैयार लगभग 20 व्यंजन प्रदर्शित किए। ये व्यंजन आईटीसी होटल श्रृंखलाओं की ‘मिशन मिलेट्स’ पहल से प्रेरित है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत के एक प्रस्ताव के बाद साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया। दरअसल, भारत खुद को बाजरा के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है।
आईटीसी के सभी होटलों के मेन्यू में जो व्यंजन हैं, उनमें एवोकैडो और पर्ल मिलेट सलाद के साथ-साथ ज्वार और कटहल हलीम जैसे कुछ व्यंजन शामिल हैं, जिन्हें यूनाइटेड किंगडम की प्रथम महिला अक्षता मूर्ति सहित जी20 राज्यों के दौरे पर आए प्रमुखों के पत्नियों ने खूब सराहा।
छोटे किसानों के लिए बाजरा सबसे सुरक्षित फसल है, क्योंकि वे गर्म और सूखे दोनों वातावरणों में जलवायु के अनुकूल उगते हैं। भारत में आम तौर पर सभी नौ पारंपरिक बाजरे का उत्पादन होता है। इसमें ज्वार, मोती बाजरा, फिंगर बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, प्रोसो बाजरा, लिटिल बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, ब्राउनटॉप बाजरा और कोडो बाजरा शामिल है।
होटल की लॉबी में पारंपरिक भारतीय फूलों के साथ टेराकोटा मिट्टी के बर्तनों पर हाथ से पेंट किए गए ‘अल्पोना’ डिजाइन भी प्रदर्शित किए गए। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय चेतना और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का एक उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व है, जो जी20 इंडिया का थीम है।
शनिवार को, राष्ट्रपति मुर्मु ने भारत मंडपम में जी20 मेहमानों के लिए शाही रात्रिभोज का आयोजन किया था, जिसमें लगभग 170 लोग शामिल हुए थे। आधिकारिक रात्रिभोज के मेन्यू में बाजरा आधारित कई व्यंजन शामिल थे। जहां जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, वहां पर खानपान की जिम्मेदारी आईटीसी होटल श्रृंखला को दी गई है।
इस कार्यक्रम में कई आकर्षक कार्यक्रम शामिल थे, जैसे कि सेलिब्रिटी शेफ कुणाल कपूर, अनाहिता धोंडी और अजय चोपड़ा के नेतृत्व में बाजरा-केंद्रित लाइव कुकिंग सेशन। इसके साथ ही, विदेशी मेहमानों ने ‘एग्री-स्ट्रीट’ पर भारतीय महिला कृषि-चैंपियन के साथ बातचीत भी की। G20 राष्ट्राध्यक्षों के पत्नियां रंगोली क्षेत्र में पहुंची और कुछ देर वही रुकीं। यहां दो बड़े ‘बाजरा रंगोली’ शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के प्रस्ताव का नेतृत्व किया और भारत के प्रस्ताव को 72 देशों ने समर्थन दिया।
बाजरा छोटे बीज वाली फसल होती है, जो काफी पोषक माने जाते हैं। भारत के अधिकांश राज्य बाजरा की एक या अधिक कई प्रजातियों की फसल उगाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बाजरा के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।