बैंक से 146 करोड़ हड़पने वाले मास्टर माइंड गिरफ्तार, दोनों पर था 25-25 हजार का इनाम
लखनऊ: उप्र कोआपरेटिव बैंक लि. मुख्यालय लखनऊ के सर्वर को हैक कर 146 करोड़ रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर करने वाले गैंग के दो मास्टर माइंड हैकर्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
15 अक्टूबर 2022 को आपरेटिव बैंक में यह गड़बड़झाला हुआ। यहां के एनएडी अनुभाग में खुले जिला सहकारी बैंकों के 07 खातों से 08 लेन-देन हुए। इसके लिए सहायक कैशियर विकास पाण्डेय एवं प्रबंधक मेवालाल की सीबीएस आईडी का अनधिकृत प्रयोग किया गया। इस बैंक से आईसीआईसीआई एवं एचडीएफसी के खातों में 146 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए गए। हालांकि बैंक कर्मियों और पुलिस सक्रियता के कारण आरोपी उन खातों से पैसा नहीं निकाल पाए क्योंकि ये खाते तत्काल ब्लॉक करा दिए गए थे। इसी प्रकरण में तत्काल मुकदमा दर्ज कर एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी थी।
इस प्रकरण में दो मास्टर माइंड सहित 05 अभियुक्तों को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर लिया था जबकि मऊ निवासी अमरेंद्र कुमार उर्फ बबलू ठेकेदार तथा रामपुर निवासी सुनील कुमार यादव फरार चल रहे थे। सुनील इन दिनों वाराणसी में रह रहा था। बुधवार को एसटीएफ की टीम ने दोनों को फन मॉल के सामने से धर दबोचा। दोनों ही ईनामी आरोपी थे। अपर पुलिए अधीक्षक एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में बनी टीम ने तकनीकी आधार एवं मुखबिर तंत्र का इस्तेमाल करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी अमरेंद्र कुमार सिंह ने बीएचयू से बीकॉम किया और फिर ठेकेदारी शुरू की। चाह तो अचानक से करोड़पति बनने की थी। ऐसे में वह हैकिंग की राह पर चल पड़ा और साइबर अपराधियों के संगठित गिरोह से जुड़कर बड़ा हाथ मारने की तैयारी में जुट गया। आठ बार प्रयास करने के बाद पैसा तो ट्रांसफर करा लिया पर पैसा हाथ नहीं आ सका।
पूछताछ में अमरेंद्र ने बताया कि वर्ष 1994 में बीकॉम करने के बाद 2000 से 2018 तक जनपद मऊ में जिला पंचायत व पीडब्लूडी में ठेकेदारी की। जमीन की खरीद फरोख्त के चक्कर में लखनऊ आया तो यहां मुलाकात सुनील यादव, रवी वर्मा, ज्ञानदेव पाल, धुव्र कुमार से हुई। इसी दौरान एक हैकर से मुलाकत हुई जिसने बताया कि वह बैंक के डेड एकाउंट को हैक कर रकम ट्रांसफर कर लेता था। बस तभी यह पूरी चौकड़ी इकट्ठा हो गई। तलाश किसी ऐसे बैंक अधिकारी की शुरू की गई जो बैंक के सिस्टम को रिमोट एक्सिस पर लेकर बैंक से करोड़ों रुपये अपने फर्जी खातों में ट्रांसफर कराने में मदद करे। इसी गैंग में भूपेन्द्र सिंह, ज्ञान के माध्यम से सहकारी बैंक महमूदाबाद के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह से मीटिंग फिक्स हुई। पूरा खेल रचने के लिए मुंबई से भी एक दूसरे हैकर को बुलाया गया। 08 बार प्रयास किया गया तब पैसा ट्रांसफर हुआ। इसमें लोक भवन में तैनात एक अनुभाग अधिकारी ने एक हैकर उपलब्ध कराया। इसके बाद सबने मिलकर यह खेल रचा।