सीएम योगी बोले- एक जिला-एक सहकारी बैंक की दिशा में आगे बढ़ेगा यूपी, कोआपरेटिव बैंक की शाखाओं का दायरा बढ़ाएगी सरकार
लखनऊ। सहकार से समृद्धि के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की कोशिशों में जुटी राज्य सरकार कोआपरेटिव बैंक की शाखाओं का दायरा बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति (बी-पैक्स) के सदस्यता महाभियान एवं टोल फ्री नंबर शुभारंभ के अवसर पर सहकारिता विभाग को इस दिशा में आगे बढ़ने की नसीहत दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के लिए सहकारिता विभाग जिन स्थानों पर बैंक शाखा की आवश्यकता वहां पहले चरण में बैंक खोलें, दूसरे चरण में इन बैंकों को मुनाफे में लाए और फिर तीसरे चरण में वन डिस्ट्रिक्ट, वन कोआपरेटिव बैंक की परिकल्पना की दिशा में आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सहकारिता भारतीय परंपरा का प्राचीन काल से अभिन्न हिस्सा रहा है, लेकिन एक समय इस कार्य में सेंध लगी और गलत लोग इसमें शामिल हो गए
उन्होंने कहा कि हम सब प्रधानमंत्री के आभारी हैं जिन्होंने 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद सहकारिता को मंत्रालय का दर्जा दिया। सहकारिता मंत्री के रूप में गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारिता को समृद्धि के साथ जोड़ते हुए उसकी आधारभूत इकाई पैक्स को मजबूत बनाने का कार्य किया। खाद और बीज बेचने तक सीमित रहने वाले पैक्स अब सीएससी के रूप में विकसित हो रहे हैं।
यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है कि उत्तर प्रदेश में एक से 30 सितंबर तक सदस्यता अभियान का शुभारंभ और टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। यह अभियान उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को एक नई गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा एवं जनप्रतिनिधि और सहकारिता से जुड़े लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने पैक्स की क्रेडिट लिमिट बढ़ाने पर जोर दिया। कहा, पैक्स की क्रेडिट लिमिट 10 लाख होनी चाहिए। प्रदेश के सभी 7500 पैक्स की क्रेडिट लिमिट को आगे बढ़ाना चाहिए जिससे किसान को सहूलियत हो। राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कृषि विभाग के साथ मिलकर फसली ऋण के बारे में विचार करना चाहिए। एमएसएमई विभाग से भी कहा गया है कि ओडीओपी या विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत हम जब बैंक से किसी हस्तशिल्पी या कारीगर को पैसा दिलाते हैं तो उसे डिजिटल पेमेंट के साथ जोड़ें। यदि डिजिटल पेमेंट पर वह समय पर अपनी किस्त समय से भर देता है तो उन्हें ब्याज पर इंसेटिव देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
बी-पैक्स (बहुउद्देशीय ग्रामीण सहकारी समिति) सदस्यता महाभियान के तहत पूरे प्रदेश में बीस लाख नए सदस्य जोड़े जाएंगे। एक से 30 सितंबर तक चलने वाले महाअभियान के तहत हर समिति में कम से कम 200 सदस्य जोड़े जाएंगे। कोई भी किसान 21 रुपए की रसीद कटवाकर सदस्य बन सकता है। सदस्य किसान को 200 रुपए का शेयर बांड खरीदना होगा। सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि हम हर पैक्स पर लगभग एक लाख की अंश पूंजी एकत्र करेंगे, पहली बार किसानों को शेयर सर्टिफिकेट भी देंगे, ताकि उनके पास प्रमाण रहे।