वसंतकुंज में बनेगा कुत्तों की नसबंदी का केंद्र, भूमि आवंटन को मंजूरी, पीपीपी आधार पर होगा निर्माण
नई दिल्ली। लावारिस कुत्तों की समस्या से परेशान दिल्लीवालों को राहत देने के लिए वसंत कुंज में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत कुत्तों की नसबंदी केंद्र-सह-पशु चिकित्सा अस्पताल/डिस्पेंसरी बनेगी। यहां पर लावारिस कुत्तों की नसबंदी और इलाज मुफ्त में किया जाएगा। वहीं अन्य स्रोतों से प्राप्त राजस्व का उपयोग अन्य सेवाओं के लिए किया जाएगा।
इस केंद्र की स्थापना के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर वसंत कुंज में डीडीए ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को 483 वर्ग मीटर भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से लावारिस कुत्तों के खतरे और कुत्तों के काटने के मामलों को रोकने का प्रयास किया जाएगा। शहर में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं और लावारिस कुत्तों के बढ़ते खतरे को देखते हुए एलजी सचिवालय ने कहा था कि डीडीए द्वारा एमसीडी को जमीन इस शर्त पर आवंटित की जाएगी कि वह लावारिस कुत्तों की नसबंदी के लिए मुफ्त सेवाएं प्रदान करेगी।
हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां लावारिस कुत्तों ने लोगों पर हमला किया। इनमें कई बच्चों की जान भी चली गई।राजस्व जुटाने के लिए यह केंद्र पालतू जानवरों का उपचार भी करेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस केंद्र में लावारिस पशुओं को मुफ्त में सुविधा मिलेगी, जबकि पालतू जानवरों को एक शुल्क का भुगतान करने पर उचित सुविधा दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि केंद्र बनने के बाद दक्षिणी और दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियम, 2001 लावारिस पशुओं की जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित है। यह जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त करने के लिए लावारिस जानवरों को मारने के बजाय उन्हें नपुंसक बनाने का प्रावधान करता है। लावारिस पशुओं के बढ़ते खतरे के पीछे इस कानून का अनुचित क्रियान्वयन भी एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल लावारिस कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत बड़े स्तर पर लावारिस पशुओं से निपटने के लिए योजना बनाने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर विजय गोयल ने उपराज्यपाल से मुलाकात की थी