वाराणसी मे तेलंगाना से आए तीर्थ यात्रियों ने कालभैरव मंदिर में बैठे पंडों पर दुर्व्यवहार एवं मारपीट का लगाया आरोप

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी मे G 20 चल रहा है और अतिथियों का स्वागत सत्कार बड़े धूमधाम से किया जा रहा । अतिथि देवो भव ,वहीं तेलंगाना से आए तीर्थ यात्रियों ने कालभैरव मंदिर में बैठे पंडों पर दुर्व्यवहार एवं मारपीट का लगाया आरोप। तेलंगाना से आए हुए तीर्थ यात्रियों के साथ  सुबह काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव मंदिर के अंदर बैठे पंडे झाड़ने एवं गंडा बांधने को लेकर तीर्थ यात्रियों के साथ आए स्थानीय नागरिक के साथ गाली गलौज एवं मारपीट करने का मामला सामने आया हैं । घटना के बारे में बताया जा रहा है की हैदराबाद के तेलंगाना से काशी दर्शन करने पहुंचे 8 सदस्यीय दल जब  सुबह 6 बजे बाबा काल भैरव दर्शन करने पहुंचा तो उनके साथ वाराणसी के मछोदरी निवासी सतीश नाम के व्यक्ति उनको दर्शन पूजन करा रहे थे। बाबा काल भैरव के दर्शन के बाद जब दर्शनार्थी बाहर निकल रहे थे तो मंदिर के अंदर बैठे पंडा या पुजारी ने गंडा बांधने की बात कही तो सतीश ने अपने परिचित पंडा से बात कर गंडा बांधने की बात कही तों अन्य पंडो ने सतीश को दलाल कहकर गाली गलौज करने लगें। जब सतीश ने उन्हें स्थानीय होने की बात कही तो चार पाँच लोग इकट्ठा होकर मारपीट करने लगें। जिससे सतीश को चोट भी आई।

सतीश ने मीडिया से बात करते हुए बताया की मारपीट एवं गाली गलौज की घटना के बारे में जब मंदिर में तैनात स्थानीय पुलिसकर्मियों से शिकायत की तो उन्होंने आय दिन होने की घटना होने की बात बोलकर सुनवाई करने से मना कर दिया तो थाना पर गए तो वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कबीरचौरा हॉस्पिटल से मेडिकल बनवा कर मुख्यमंत्री एवं आला अधिकारियों को शिकायत करने की बात कह रहे है।

तेलंगाना के हैदराबाद निवासी रेनू श्री ने बताया कि कल हम लोग काल भैरव मंदिर में अपने परिचित के व्यक्ति के साथ दर्शन करने गए थे। जहां पर दर्शन करने के बाद जो मंदिर में गंडा और धागा बांधते हैं, उन लोगों ने मेरे साथी को गाली गलौज किया और चार पांच लोगों ने मिलकर उन्हें बहुत मारा है। बाबा काल भैरव मंदिर में हम लोग दर्शन पूजन करने आते हैं तो वहां पर मारपीट एवं गाली-गलौज किया जाता है। इस बात पर सरकार एवं जिला प्रशासन को पूरा ध्यान देना चाहिए कि यात्री इतनी दूर से आ रहे हैं तो उनको दर्शन करने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो साथ ही उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए।और ऐसे पंडो को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे वो दर्शनार्थियों के साथ दुर्व्यवहार न करें क्योंकि आए दिन ऐसी घटनाओं से वाराणसी जैसे धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी की छवि धूमिल होती है।

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