भारत-अमेरिका के बीच हुई वार्ता, नये रक्षा क्षेत्र विकसित करने में सहयोग पर जताई प्रतिबद्धता
अमेरिकी प्रधान उप सहायक रक्षा सचिव अंतरिक्ष नीति विपिन नारंग और इमर्जिंग कैपेबिलिटीज पॉलिसी ऑफिस के निदेशक माइकल होरोविट्ज ने नई दिल्ली में यूएस-इंडिया एडवांस्ड डोमेन डिफेंस डायलॉग के उद्घाटन के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ बैठक की। अमेरिकी रक्षा विभाग की प्रवक्ता लिसा लॉरेंस ने पहले यूएस-इंडिया एडवांस्ड डोमेन रक्षा वार्ता के एक बयान में कहा कि 2022 में मंत्रिस्तरीय संवाद में अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों द्वारा नये रक्षा क्षेत्र विकसित करने पर सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा कि बैठक में उसी का पालन किया गया।
अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में अद्वितीय रक्षा चुनौतियों, उनकी संबंधित रक्षा नीतियों एवं आगे सहयोग के अवसरों के बारे में चर्चा की। इस दौरान दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में सुरक्षा, स्थिरता बनाए रखने और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के अवसरों पर भी मंथन किया।
27 देशों के यूरोपीय संघ के जलवायु नीति प्रमुख फ्रैंस टिमरमन्स ने शुक्रवार को कहा, संघ के प्रस्तावित कार्बन टैक्स का भारत के साथ उसके व्यापार संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वह ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जिससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन हो। वे भारत के दो दिवसीय महत्वपूर्ण राजनयिक मिशन पर पहुंचे हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन में कमी और स्वच्छ ऊर्जा को लेकर इस साल के अंत में दुबई में होने वाले कॉप28 पर चर्चा करना है।
यूरोपीय संघ ने स्टील, सीमेंट, एल्यूमीनियम, लोहा, उर्वरक, बिजली और हाइड्रोजन जैसे उच्च कार्बन युक्त सामग्रियों पर 25 से 30 प्रतिशत कार्बन आयात कर लागू करने की योजना बनाई है। इसके चलते विकासशील देशों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं, क्योंकि इनकी अर्थव्यवस्थाएं कार्बन का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों पर अत्यधिक मात्रा में निर्भर हैं। यूरोपीय संघ की जलवायु रणनीति सदस्य देशों को कार्बन उत्सर्जन कम करने और पर्यावरणीय उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। इसके लिए संघ का कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) अक्तूबर में अपनी प्रस्तावित कर प्रणाली को लागू कर सकता है।