नरोदा गाम मामले में अहमदाबाद की विशेष कोर्ट का फैसला सभी आरोपी बरी,

गुजरात के नरोदा गाम दंगे मामले में अहमदाबाद की एक विशेष कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। विशेष जस्टिस एसके बक्शी की अदालत 68 आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। दरअसल, 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। इस मामले में 86 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज है। हालांकि, 86 में से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी 86 आरोपियों में शामिल थे।

इससे पहले बीते दिन विशेष अभियोजक सुरेश शाह ने कहा था कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने 2010 में शुरू हुए मुकदमे के दौरान क्रमशः  गवाहों का परीक्षण किया और लगभग 13 साल तक चले इस मामले में छह न्यायाधीश सुनवाई कर चुके हैं। सितंबर 2017 में भाजपा के वरिष्ठ नेता  अमित शाह भाजपा नेता माया कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में अदालत के समक्ष पेश हुए थे। कोडनानी ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें यह साबित करने के लिए बुलाया जाए कि घटना के दिन वह गुजरात विधानसभा में और बाद में सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं, न कि नरोदा गाम में, जहां नरसंहार हुआ था

अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों में पत्रकार आशीष खेतान द्वारा किए गए एक स्टिंग आपरेशन का विडियों और उस दौरान माया कोडनानी, बाबू बजरंगी और अन्य के काल विवरण शामिल थे।

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