मौरावां सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे और बहन की बिगड़ी हालत,अखिलेश यादव ने कसा भाजपा पर तंज
उन्नाव जिले के मौरावां थाना क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के दुधमुंहे बच्चे और उसकी बहन की हालत लगातार बिगड़ रही है। बुधवार को दोनों को कानपुर से लखनऊ रेफर कर दिया गया है। दोनों बच्चे आग में झुलस गए थे। यही नहीं, मारपीट में घायल दुष्कर्म पीड़िता का दायां हाथ भी काम नहीं कर रहा है।
मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 13 साल की किशोरी से 15 महीने पहले गांव के ही तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस ने केस दर्ज करने में हीलाहवाली की। किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया, तो मामला सुर्खियों में आ गया। आनन फानन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर तीन आरोपियों को जेल भेज दिया।
15 दिन पहले दोनों आरोपी जमानत पर छूटकर आए और पीड़िता को धमकाना शुरू कर दिया। मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने लगे। सोमवार शाम को उन्होंने घर में घुसकर दुष्कर्म पीड़िता को पीटा और उसके घर में आग लगा दी।
इसके बाद उसके चार माह के बेटे और तीन माह की बहन को आग में फेंक दिया। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गए थे। पुलिस ने मामले मे कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी, जिनमें पीड़िता का चाचा और बाबा भी शामिल है। पुलिस उसके चाचा को ही गिरफ्तार कर सकी है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने बताया कि यह जघन्य अपराध है। बताया कि घटना की जानकारी होते ही उन्नाव बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रीति सिंह को पीड़िता से मिलने को कहा था, लेकिन जब वह जिला अस्पताल पहुंचीं, तो कानपुर रेफर हो चुके थे।
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मां का आरोप है कि पुलिस ने पहले दिन से ही लापरवाही बरती। बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद पुलिस को जो तहरीर दी वह लिखी नहीं। अज्ञात के खिलाफ के रिपोर्ट दर्ज की गई। बेटी के साथ 164 के बयान में भी पुलिस ने दबाव बनाया।
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि जमानत पर बाहर आए आरोपियों द्वारा पीड़िता के बच्चे को जिंदा जलाने के प्रयास की जघन्य घटना पर भाजपा सरकार कुछ करेगी या परिवार वालों के दुख दर्द को समझने वाला इस बेरहम सरकार में कोई नहीं है।