केंद्रीय कर्मियों पर गिर सकती है जबरन रिटायरमेंट की गाज, रिव्यू के बाद तय होगा सेवाकाल

 

केंद्र सरकार के कर्मियों का सेवाकाल कितना होगा, यह उनके कामकाज की आवधिक समीक्षा पर निर्भर करेगा। अगर कामकाज ठीक नहीं है, तो संबंधित कर्मचारी को समय पूर्व रिटायरमेंट दी जा सकती है। सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को आवधिक समीक्षा करने के लिए एक फॉर्मेट भेजा गया है। केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आवधिक समीक्षा को सख्ती से लागू किया जाएगा। अगर जनहित में किसी कर्मचारी को समय पूर्व रिटायरमेंट दिया जाता है, तो वह कोई पेनल्टी नहीं है।

डीओपीटी के कार्यालय ज्ञापन के मुताबिक, हर विभाग को एक रजिस्टर तैयार करने के लिए कहा गया है। इसमें उन कर्मचारियों का ब्योरा होता है, जो 50/55 साल की आयु पार कर चुके हैं। इनकी तीस साल की सेवा भी पूरी होनी चाहिए

केंद्र सरकार ने कामकाज को लेकर कई बार अपने कर्मियों को चेताया है। तीन साल पहले भी इस तरह के आदेश जारी किए गए थे। सभी मंत्रालयों को कर्मचारियों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। उसके बाद कई मंत्रालयों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। कुछ विभागों ने तो जानकारी ही नहीं दी। केंद्र के बार-बार दोहराने के बाद भी तय फॉर्मेट में सूचना नहीं दी गई। पिछले दिनों डीओपीटी ने दोबारा से कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। इससे वे कर्मचारी, जिन्होंने सेवा के तीस वर्ष पूरे कर लिए हैं और उनके कामकाज की रिपोर्ट ठीक नहीं रहती, ज्यादा भयभीत हैं। डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जो कार्यालय ज्ञापन भेजा है, उसमें समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के बारे में विस्तार से समझाया गया है।

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