लखनऊ शहर की जानी मानी हस्ती नवाब जफर मीर अब्दुल्ला का निधन

अपने जीने के अंदाज से लखनवी तहजीब को संजोने और लोगों को उसका मुरीद बनाने वाले 72 वर्षीय नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला नहीं रहे। मंगलवार शाम विवेकानंद हॉस्पिटल में हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया। किडनी में दिक्कत के चलते उनका लंबे समय से इलाज भी चल रहा था। वह न केवल लखनवी तहजीब को बढ़ावा देते थे बल्कि उसे जीते भी थे।

शायद यही कारण है कि शहर में बनीं कई मशहूर फिल्मों में निर्माताओं ने उन्हें अभिनय का मौका दिया और इसके जरिए उन्होंने अपने लखनवी अंदाज की छाप छोड़ी। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। लोगों के सुख-दुख में हमेशा शरीक होते थे। उन्हें 2016 में यश भारती सम्मान से सम्मानित किया गया। उनके छोटे भाई नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बताया कि उनका जन्म 17 मार्च 1951 को लखनऊ में ही हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा यहीं लखनऊ में हुई।

उन्होंने लामार्टीनियर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विवि से बीएससी ऑनर्स व लखनऊ विवि से एलएलबी की पढ़ाई की।

उन्हें शहर में लोग नवाब साहब कहकर पुकारते थे। किडनी में दिक्कत के चलते कुछ दिन उन्होंने डायलिसिस कराई। शादी ब्याह व सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने लगे थे। इधर अचानक तबियत बिगड़ी थी और मंगलवार को उन्होंने जिंदगी को अलविदा कर दिया। उनके निधन का समाचार पाकर पुराने लखनऊ स्थित उनके आवास पर मंगलवार देर रात तक उनके चाहने वालों का आना जाना लगा रहा। उनके साथ लंबा वक्त गुजार चुके चचा अमीर हैदर ने कहा कि वह लखनऊ की चलती फिरती तहजीब थे। उनका निधन लखनऊ के लिए बड़ा नुकसान है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.