कोर्ट ने खारिज की अर्जी, बीटीसी के बराबर नहीं है नर्सरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नर्सरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) के बराबर मानने से इनकार किया है। कोर्ट ने अर्जियां खारिज करते हुए कहा कि बीटीसी का पाठ्यक्रम कक्षा 5 तक पढ़ाने के लिए है, जबकि सर्टिफिकेट ट्रेनिंग की पाठ्य सामग्री प्री-स्कूल से कक्षा-2 तक पढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई है। दोनों कोर्स को बराबर नहीं माना जा सकता
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने बाराबंकी जिले की माला यादव, ममता, बिंदु यादव व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचीगणों ने उप्र बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में 2013 में सहायक अध्यापक के लिए आवेदन किया था। आवेदकों ने नर्सरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में भाग लिया, लेकिन आवश्यक योग्यता नहीं होने का हवाला देकर नियुक्त नहीं दी गई।
याचीगण ने दलील दी कि उन्होंने नर्सरी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को उसी तरह से हासिल किया है, जैसे दो वर्षीय बीटीसी या दो वर्षीय उर्दू बीटीसी पाठ्यक्रम है। दावा किया कि यह प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा के बराबर है और बीटीसी के बराबर भी। लिहाजा, वह भी इसके लिए न्यूनतम पात्रता रखते हैं।
सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि याचीगण ने ऑनलाइन फॉर्म में बीटीसी उत्तीर्ण बताते हुए आवेदन किया था, जबकि उन्होंने बीटीसी कभी किया ही नहीं। यह धोखाधड़ी की गई। चूंकि न्यूनतम पात्रता बीटीसी उत्तीर्ण थी, जो याचीगण नहीं हैं। इसी के साथ कोर्ट ने याचीगण की अर्जियां खारिज कर दीं।