पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री भाजपा में हुए शामिल, कांग्रेस से दिया इस्तीफा
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्षी गठबंधन इंडिया के टूटने के बाद कांग्रेस के लिए एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं।
अब यूपी में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी।
इसके पहले मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। वहीं, महाराष्ट्र में पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस की बयार चल रही थी, तब देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बड़े पुत्र हरीकृष्ण शास्त्री संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे थे। लोकदल के लियाकत हुसैन को पराजित कर वह चुनाव जीते और केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल हुए।
जिले में औद्योगिक क्रांति की नींव रखकर श्री शास्त्री ने क्षेत्र को अपना गढ़ बनाने का प्रयास किया। इससे वर्ष 1984 के चुनाव में जनता ने फिर उन्हें चुनकर संसद भेजा। वर्ष 1989 व 91 के चुनाव में बोफोर्स का मुद्दा लेकर आए वीपी सिंह के सामने वह नहीं टिक पाए।
श्री शास्त्री के निधन के बाद इस सीट से उनके पुत्र विभाकर शास्त्री विरासत को सहेजने आगे आए। कांगेस से विभाकर ने वर्ष 1998 में चुनाव लड़ा लेकिन महज 24,688 मत ही पा सके। वर्ष 1999 में फिर भाग्य अजमाया, जिसमें 95 हजार व वर्ष 2009 में एक लाख मत हासिल कर पाए। तीन बार प्रयास के बाद भी वह अपने पिता की विरासत को नहीं सहेज पाए।