परिवार सर्वेक्षण के जरिये हर घर का डाटा जुटा रही है सरकार, यूपी में जारी नामांकन अभियान

 

देश में 2021 की जनगणना भले ही शुरू नहीं हो सकी लेकिन प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों से कराए जा रहे परिवार सर्वेक्षण के जरिये प्रत्येक परिवार का डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। सर्वे के जरिये प्रदेश में सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी के साथ आर्थिक व शैक्षिक स्थिति का आकलन भी होगा। सर्वे के बाद अब तक विभिन्न योजनाओं से वंचित पात्र परिवारों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत उनका लाभ दिलाया जाएगा इसे सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों से इन दिनों स्कूलों में नामांकन, ड्राप आउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिंहित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के लिए परिवार सर्वेक्षण का प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें परिवार के मुखिया की जानकारी के तहत मुखिया का नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, सामाजिक वर्ग (सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी), शैक्षिक योग्यता, व्यवस्या, परिवार की अनुमानित आय, मोबाइल नंबर, घर का स्वामित्व, बीपीएल या एपीएल, पूर्ण पता संकलित किया जा रहा है।

14 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के सदस्यों मं नाम, आयु, लिंग,मोबाइल नंबर, वैवाहिक स्थिति, शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय और मुखिया से उनका संबंध की जानकारी जुटाई जा रही है। 0-14 वर्ष की आयु बच्चे का नाम, आयु, लिंग, माता-पिता का नाम, मुखिया से संबंध, स्कूल में नामांकन, आउट ऑफ स्कूल बच्चे की जानकारी ली जा रही

व्यवसाय में छात्र, स्वरोजगार, गृहणी, बेरोजगार, मजदूर, किसान, सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट कर्मचारी का अलग अलग डाटा जुटाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के लोगों की प्रत्येक परिवार की औसत आय, आवास की स्थिति का भी आकलन होगा। उधर, जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के पास प्रत्येक घर का डाटा होगा। सरकार चुनाव से पहले उसके अनुसार लोगों को राहत देने के साथ चुनावी रोडमैप भी तैयार कर सकेगी।

ग्रामीण और शहरी इलाकों की स्थिति का आकलन करने के लिए शिक्षकों से परिवार सर्वे कराया जा रहा है। इससे प्रत्येक गांव और शहरी इलाकों की मैपिंग होगी।

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