पीएम मोदी आज करेंगे ओडिशा का दौरा, 68000 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात

भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ओडिशा का दौरा करेंगे। वह पश्चिमी ओडिशा के संबलपुर शहर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 68,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए राज्य सरकार ने कार्यक्रम स्थल के आसपास ड्रोन कैमरों पर रोक लगा दी है। राज्य के मुख्य सचिव पीके जेना की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान ड्रोन कैमरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया। बैठक में डीजीपी अरुण कुमार सारंगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया

पीएम मोदी दोपहर में झारसुगुड़ा हवाईअड्डे पहुंचेंगे, जहां से वह भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से संबलपुर जाएंगे। उनका दोपहर करीब 2:15 बजे आईआईएम-संबलपुर पहुंचने का कार्यक्रम है। संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार भामू ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए 70 प्लाटून के अलावा 250 अधिकारी तैनात किए गए हैं। एक प्लाटून में 30 जवान शामिल होते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा पाइपलाइन परियोजना  के 412 किमी लंबे धामरा अंगुल पाइपलाइन खंड का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा के तहत 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित यह परियोजना ओडिशा को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ेगी।

पीएम मोदी मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा पाइपलाइन परियोजना के नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन खंड (692 किमी) की आधारशिला भी रखेंगे। इस परियोजना पर 2,660 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। इससे ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्राकृतिक गैस की उपलब्धता में सुधार होगा। कार्यक्रम के दौरान पीएम करीब 28,980 करोड़ की कई बिजली परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित और शिलान्यास भी करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राजधानी स्थित विज्ञान भवन में कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कांफ्रेंस (सीएएसजीसी) 2024 का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन का विषय ‘न्याय करने में सीमा-पार की चुनौतियां है। इसमें कानून और न्याय से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे न्यायिक परिवर्तन और कानूनी कार्यप्रणाली के नैतिक आयाम, कार्यकारी जवाबदेही और आधुनिक कानूनी शिक्षा के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।

 

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