यूपी में नहीं मिलेगी 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब,  विभागीय समीक्षा बैठक में आबकारी मंत्री ने दिए निर्देश

लखनऊ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लखनऊ की समिट बिल्डिंग में कम उम्र के बच्चों को शराब परोसे जाने का मामला उठाने को गंभीरता से लेते हुए आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 21 साल के कम उम्र वालों को बार और मदिरा की दुकानों पर शराब परोसने व देने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए।

सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में आबकारी मंत्री ने राजस्व वसूली में पिछड़े 11 जिलों के आबकारी अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है। इनमें महोबा, संभल, हमीरपुर, औरैया, मैनपुरी, इटावा, झांसी, अमेठी, मुरादाबाद, बागपत व कानपुर नगर शामिल हैं।

आबकारी मंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए तय राजस्व लक्ष्य (50 हजार करोड़ रुपये) को प्राप्त करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया है। मंत्री ने सीमावर्ती जिलों से होने वाली शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ ही ओवर रेटिंग से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात कही।

नवंबर माह तक 27,340.97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है, जो गतवर्ष 24,958.50 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 10 प्रतिशत (2,382.47 करोड़ रुपये) अधिक है।

आबकारी मंत्री ने कानपुर में राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष वृद्धि न होने पर उप आबकारी आयुक्त को इसकी समीक्षा करते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कहा कि बागपत में हरियाणा की सीमा से लगी दुकानों की नियमित समीक्षा करें, यदि उक्त दुकानों का असर प्रदेश के राजस्व पर पड़ रहा है तो उन्हें स्थानांतरित करने के लिए हरियाणा के अधिकारियों से अनुरोध करें।

इसी प्रकार सहारनपुर के बॉर्डर पर भी दुकानों की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने तस्करी की रोकथाम के लिए आगरा, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, सहारनपुर एवं शामली में चेक पोस्ट स्थापित करने का निर्देश दिया।

इसके अलावा आगरा, मथुरा, लखनऊ हाईवे से बुंदेलखंड हाईवे से मिर्जापुर होते हुए सोनभद्र के रास्ते होने वाली शराब की तस्करी पर विशेष निगाह रखी जाए। इस संबंध में जीएसटी एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्त किया जाए।

उन्होंने कहा कि देवरिया, कुशीनगर, पीलीभीत, बरेली एवं ऐसे अन्य क्षेत्र जहां ओवर रेटिंग की शिकायतें प्राप्त होती हैं, कड़ी कार्रवाई की जाए। किसी भी दशा में जहरीली शराब की बिक्री न होने पाए, इससे सरकार और विभाग दोनों की छवि धूमिल होती है। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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