बेसिक शिक्षकों की रियल टाइम हाजिरी की प्रक्रिया शुरू, कई जगह हुआ विरोध, सर्वे में शिक्षकों ने जताई असहमित
लखनऊ: बेसिक विद्यालयों में टैबलेट वितरण के बाद पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सोमवार से आधा दर्जन से अधिक जिलों में शिक्षकों-छात्रों की रियल टाइम उपस्थिति दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि शिक्षक संघों के विरोध के आह्वान व सर्वे में अधिकतर शिक्षकों ने इसका विरोध किया। कुछ जगह पर प्रदर्शन भी हुए।
विभाग की ओर से 20 नवंबर से लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, श्रावस्ती व लखीमपुर खीरी में शिक्षकों-छात्रों की ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे। इस क्रम में सोमवार को विभाग की ओर से यह प्रक्रिया शुरू की गई। शिक्षकों का दावा है कि अधिकतर स्कूलों में इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। कुछ एक शिक्षकों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से इन्हीं जिलों में शिक्षकों के बीच सर्वे भी कराया गया। इसमें शिक्षकों से पूछा गया कि वे ऑनलाइन उपस्थिति से सहमत हैं या असहमत। संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली आदि जिलों में शिक्षकों ने एक मत से इस निर्णय का विरोध किया। इसे अव्यवहारिक बताया।
उन्होंने बताया कि लखनऊ में लगभग 4800 में से 2903 शिक्षकों ने असहमति जताई है और बाकी ने कोई पक्ष नहीं दिया। उन्नाव में कुल शिक्षक 736 में से 448 शिक्षकों ने असहमति दी है। हरदोई में 7518 में से 2859 शिक्षकों ने असहमति दी है, यहां बाकी ब्लॉकों में कल सर्वे होगा। सीतापुर में 10569 में से 5542 ने असहमति दी है। यही स्थिति हर जिले की है। किसी शिक्षक ने इसके पक्ष में अपना मत नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि 22 नवंबर तक शिक्षकों के मत लेने के बाद इसके मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।