स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मानवता तार-तार,नहीं मिला स्ट्रेचर; बीमार बेटी को गोद में लेकर भटकता रहा पिता
प्रयागराज। अस्पतालों में सुविधाएं उनके लिए प्राथमिकता पर हो जाती हैं जिनकी गोद में मरीज, चेहरे पर बदहवासी और जेब खाली रहती है। सुविधाएं फिर भी न मिलें तो स्वास्थ्य व्यवस्था और अधिकारियों की सक्रियता पर यह बड़ा सवाल है।
कुछ इसी अव्यवस्था से होकर गुजरा स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एक पिता, जो 10 साल की बेटी को गोद में लेकर इधर उधर भटकता रहा। उसे न स्ट्रेचर मिला न बेटी को चिल्ड्रेन अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा। उसी बीच एक शख्स की सहानुभूति जगी और उसने पैसे देकर मरीज को उसके पिता समेत अस्पताल भिजवाया।
मिर्जापुर निवासी भुल्लन ने बेटी राधा को सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय यानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया है। उसके पेट में दर्द के चलते भर्ती कराया। बुधवार को अस्पताल से उसे अल्ट्रासाउंड कराने के लिए एसआरएन भेजा गया। जितने पैसे थे वह खर्च करके भुल्लन बेटी को एसआरएन ले गया। अल्ट्रासाउंड कराने के बाद बेटी को गोद में ही लेकर इधर उधर भटकता रहा।
इस बीच आसपास से गुजर रहे स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदना उससे नहीं जुड़ी। सभी देखते और अपने काम से जाते रहे। जबकि राधा को यूरिनल नली लगी थी और उसका बैग भी पिता ने अपने हाथ में पकड़ रखा था। पैसे नहीं थे इसलिए रिक्शे वालों ने भी उसे ले जाने से मना कर दिया।
एक शख्स के पूछने पर भुल्लन ने आपबीती सुनाई। कहाकि यहां कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। कहीं स्ट्रेचर नहीं मिला। हालांकि मददगार ने उसे पैसे देकर रिक्शे पर बिठाया जिससे वह बेटी को लेकर चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंच सका।
एसआरएन के अधीक्षक डा. अजय सक्सेना ने कहाकि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया है। किसी ने बताया भी नहीं। कहा कि स्ट्रेचर सभी के उपलब्ध है। भुल्लन को क्यों नहीं मिला यह दिखवाते हैं।