आइआइटी बीएचयू में पीएम मोदी-सीएम योगी का पुतला फूंकने का एबीवीपी ने किया विरोध,दो गुटों में जमकर चले लात-घूंसे

वाराणसी। आइआइटी बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ छेड़खानी के बाद बाउंड्रीवाल बनाने के फैसले के विरोध में तीन दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के सामने आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। रविवार देर शाम बीएचयू और आइआइटी की उच्चस्तरीय बैठक में बाउंड्रीवाल नहीं बनाने का फैसला लिया गया।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और आइआइटी के निदेशक प्रो. पीके जैन ने कहा कि यह प्रस्ताव तर्कसंगत नहीं है, इसलिए इसे खारिज कर दिया गया है। इससे पहले रविवार दोपहर में बीएचयू के सिंहद्वार (मुख्य द्वार) पर प्रदर्शन के दौरान दो छात्र संगठनों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। पुलिस की उपस्थिति में जमकर लात-घूंसे चले।

छात्राओं ने एक-दूसरे के बाल और कपड़े खींचे। दो छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की सदस्य मेघा का हाथ और अदिति के पैर में फ्रैक्चर आया है। दोनों को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एक शोध छात्र को हिरासत में लिया है।

आल इंडिया स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, बीएचयू के कुलपति व महिला महाविद्यालय, बीएचयू की प्रिंसिपल का पुतला फूंकने की योजना बनाई थी। वे बीएचयू गेट पहुंचे तो विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मचारियों ने पुतला छीनने का प्रयास किया तो उनकी नोकझोंक हो गई। इस बीच एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ उनकी मारपीट शुरू हो गई।

एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य एवं बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि आइसा के लोग एबीवीपी, प्रधानमंत्री और संघ विरोधी नारे लगा रहे थे। इसका विरोध किया तो मारपीट करने लगे।

 

 

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