उप्र रोडवेज कर्मचारी संघ द्वारा मांगों को उठाए जाने के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज रोडवेजकर्मी करेंगे 10,500 बसों का चक्का जाम, आठ नवंबर आंदोलन की तारीख की गई तय
लखनऊ: लगभग 50 हजार रोडवेजकर्मियों के हितों की अनदेखी से उनमें नाराजगी बढ़ रही है। उप्र रोडवेज कर्मचारी संघ द्वारा मांगों को उठाए जाने के बावजूद कार्रवाई भी नहीं हो रही। ऐसे में कर्मचारी संघ आठ नवंबर से बसों का चक्का जाम करने की तैयारी में है। इसके लिए नोटिस दिया जा चुका है। दो नवंबर को संविदाकर्मियों की सेवा नियमावली नहीं बनाए जाने के मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर जनजागरण अभियान भी चलेगा।
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि रोडवेज में तैनात लगभग 50 हजार कर्मियों का शोषण हो रहा है। जिसके खिलाफ 14 सूत्री मांगों को लेकर बसों का चक्का जाम करने की नोटिस दी गई है। मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्र ने बताया कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के रवैये के कारण कर्मचारियों के शोषण, अन्याय, अत्याचार हो रहा है, रोडवेज का निजीकरण किया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों के 10 फीसदी डीए का भुगतान नहीं करने जैसे कई मुद्दे उठाए गए हैं। बताया कि आठ नवंबर को परिवहन निगम मुख्यालय पर आंदोलन की शुरूआत होगी।
कर्मचारी संघ द्वारा उठाए गए मुद्दों पर रोडवेज अधिकारियों ने आठ नवंबर से पहले निर्णय नहीं लिया तो चक्का जाम तय माना जा रहा है। जिससे पूरे प्रदेश में 10,500 बसों के पहिए थम जाएंगे। इसमें लखनऊ परिक्षेत्र से चलने वाली हजार बसें भी शामिल हैं। इससे करीब 15 लाख यात्रियों को असुविधाओं का सामना भी करना पड़ेगा
रोडवेजकर्मियों को 42 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाए, संविदाकर्मियों को नियमित भर्ती में समायोजित करें, नियमितकर्मियों के शैक्षिक योग्यता पर प्रोन्नति हो, कार्यालय अधीक्षक को एआरएम बनाया जाए, मृतक आश्रितों की भर्ती हो, 42 फीसदी डीजल की कीमत बढ़ने पर किराया बढ़े, रोडवेज बस और निजी बस के टैक्स बराबर हो, दीपावली पर डीए और संविदाकर्मी को 15 हजार समेत कई मांगे उठाई गई हैं।