यूपी के आक्रोशित शिक्षक विधानसभा का आज करेंगे घेराव, तदर्थ मामले पर निदेशालय पर धरना देने की घोषणा
लखनऊ: यूपी के शिक्षक अलग-अलग मुद्दों पर आक्रोशित हैं। इसके लिए शिक्षकों के विभिन्न गुट विधानसभा और निदेशालय का घेराव करेंगे। साथ ही यूपी के सभी बीआरसी पर प्राथमिक शिक्षकों द्वारा धरना दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से एक दिसंबर को विधान सभा घेराव की घोषणा की गई है। इस क्रम में कई जिलों से पदाधिकारी व शिक्षक लखनऊ आने की तैयारी में थे। कुछ जिलों में पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर लिया है। हालांकि इसके बाद भी संघ विधानसभा घेराव पर अड़ा है।
संघ की ओर से हाल में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर दो दिन धरना दिया गया था। वहीं शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। इसमें तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने, एनपीएस घोटाले की सीबीआई जांच कराने, पुरानी पेंशन की बहाली प्रमुख मांग है।
संघ के प्रांतीय संयोजक आईटी सेल संजय द्विवेदी ने बताया कि घेराव को देखते हुए बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, मेरठ, मथुरा, कन्नौज, गाजीपुर, अंबेडकर नगर, वाराणसी आदि जिलों के जिलाध्यक्ष व मंत्री को पुलिस ने घर में नजरबंद कर लिया है। पुलिस शिक्षकों को जिलों से लखनऊ आने से रोक रही है। इसके बाद भी आंदोलन को सफल बनाने के लिए शिक्षक अड़े हैं और शुक्रवार को विधानसभा घेरेंगे।
प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के विरोध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) का घेराव करेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि शासन ने 25 वर्षों से अधिक की सेवा कर रहे शिक्षकों की एकाएक सेवा समाप्त करने का निर्णय ले लिया। इसके विरोध में संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी की अगुवाई में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) के पार्क रोड कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री को तदर्थ शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए ज्ञापन भेजा जाएगा।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बेसिक शिक्षकों के रियल टाइम उपस्थिति के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश के सभी ब्लॉक संसाधन केंद्र पर पर धरना दिया जाएगा। इसके बाद बीईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को इससे संबंधित ज्ञापन भेजा जाएगा। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि वर्तमान में महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर रोज नए प्रयोग कर रहे हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है।