यूपी में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग की मदद से होगी चकबंदी, यूपीइसीएल तैयार कर रही खास सॉफ्टवेयर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब चकबंदी की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग की सुविधा के इस्तेमाल की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीइसीएल) द्वारा एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।
इसकी डिजाइन, निर्माण व क्रियान्वयन के लिए टेक्निकल सर्विस प्रोवाइडिंग (टीएसपी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसकी मदद से एक गांव में 100 से 130 दिन में चकबंदी की होने वाली प्रक्रिया को एक सप्ताह से कम समय में पूरा किया सकेगा।
चकबंदी के लिए जिस सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जा रहा है वह सैटेलाइट से भूमि की इमेज लेगा। इसकी मदद से रोवर सर्वे को व्यक्तिगत तौर पर करने के बजाए डाटा अध्ययन के जरिए कम समय में पूर्ण किया जा सकेगा।
सॉफ्टवेयर चकबंदी के दस्तावेजों का विवरण एकत्र कर भूमि के आंकड़ों का संकलन करने में भी सक्षम होगा। साथ ही खतौनी को भी आसानी के साथ व्यवस्थागत तरीके से सिस्टम पर ले जाएगा। इसकी मदद से खसरा, खतौनी व भूमि के नक्शे को चकबंदी के जीआईएस पोर्टल पर अपलोड करने में भी मदद मिलेगी।