प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर ठेके पर उठेंगे बस अड्डे, यूपी रोडवेज को मिलेगी करार में तय राशि
लखनऊ: गुजरात की तर्ज पर अब यूपी के बस अड्डे भी ठेके पर उठाए जाएंगे। इन बस अड्डों को व्यक्ति, संस्था आदि ले सकती हैं। इसके बाद बस अड्डे की दुकानों आदि के टेंडर वही कराएंगे, जिसके एवज में रोडवेज को तय धनराशि दी जाएगी।
बोर्ड बैठक में रोडवेज ने इस प्रस्ताव पर मुहर भी लगा दी है। रोडवेज का लक्ष्य यही है कि किसी एक व्यक्ति या संस्था को पूरा बस स्टेशन ही कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिया जाए, जिससे बार-बार के टेंडर का झंझट खत्म हो जाए। रोडवेज अपने 20 परिक्षेत्रों के 302 बस स्टेशनों पर हजारों यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए इस तरह की योजना तैयार कर रहा है। अधिकारी बताते हैं कि एक ही व्यक्ति, संस्था या संगठन को बस स्टेशन किराए पर दिए जाने से यात्रियों को काफी फायदा मिलेगा।
अभी तमाम दुकानें किराए पर ही नहीं उठ पाती हैं, जिससे स्टेशन पर यात्रियों को बेहतर खानपान नहीं मिल पाता है। बस अड्डों पर कैंटीनें, स्टॉल्स सालों से खाली पड़े हैं, जिससे रोडवेज को भी लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
रोडवेज के पास जो 300 से अधिक बस स्टेशन हैं, उनमें से 249 अपने स्वामित्व वाले परिसर हैं और 51 किराए में हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए बस स्टेशन पर निगम के पास आमतौर पर शौचालय, बुकिंग कार्यालय, पीने के पानी की सुविधा, समयसारिणी डिस्प्ले, पूछताछ काउंटर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, रोशनी, पंखे, सीट रहती हैं, लेकिन खानपान स्टॉल्स किराए पर दी जाती हैं। इतना ही नहीं बस स्टेशनों पर प्रतिदिन 16 से 17 यात्री आते हैं, जो ग्यारह हजार से अधिक बसों से सफर करते हैं।
बोर्ड बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। टेंडर में इसे शामिल कर लिया गया है। व्यक्ति, संगठन, संस्थान आदि बस स्टेशन को एक साथ ठेके पर ले सकते हैं। ऐसा होने से परिवहन निगम का नुकसान नहीं होगा, साथ ही यात्री सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हो सकेगी।