हाईकोर्ट का आदेश : यूपी सरकार बालगृह में रह रहे बच्चों की शिक्षा, खेलकूद, मनोरंजन आदि की भी करे व्यवस्था
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बालगृह में रह रहे बच्चों के लिए शिक्षा, मनोरंजन, खेलकूद जैसी अतिरिक्त गतिविधियों पर भी ध्यान दें और इसकी व्यवस्था करें। जिससे कि बच्चों का सर्वांगीण विकास में कोई रुकावट न आए और बालगृह में अपनी समयवधि पूरी करने के बाद जब वह सामान्य जनजीवन में लौटें तो उन्हें किसी तरह की झिझक, दबाव या मानसिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने बाल गृहों की स्थिति के संबंध में दाखिल स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पूर्व सुनवाई शुरू होते ही यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय की ओर से हाईकोर्ट द्वारा पारित पिछले आदेश के अनुपालन में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की विशेष सचिव की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। बताया कि विभाग ने आश्रय गृह में रह रहे बच्चों की मूलभूत सुविधाओं के लिए लघु एवं व्यापक दोनों तरह की योजनाएं बनाई गई है और उस पर काम चल रहा है।