आईआईटी मद्रास ने बनाया कैंसर ट्यूमर का पता लगाने वाला यंत्र

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क और स्पाइनल कॉड में कैंसर पैदा करने वाले ट्यूमर का पता लगाने वाला एक यंत्र तैयार किया है। इस यंत्र को ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफोरम ड्राइवर्ड (जीबीएम ड्राइवर्स) नाम दिया गया है और अब यह ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

आईआईटी-मद्रास के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर एम माइकल ग्रोमिहा की अध्यक्षता में यह शोध किया गया है। उनकी टीम में आईआईटी मद्रास से पीएचडी छात्र मेधा पाण्डेय, आईआईटी-मद्रास के दो पूर्व छात्र डॉ. पी. अनुशा (ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी ) और डॉ़ धनुष येसुदास (अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान) में शामिल रहे हैं। प्रोफेसर ग्रोमिहा ने बताया कि ग्लियोब्लास्टोमा मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में तेजी से बढ़ने वाला ट्यूमर होता है। ट्यूमर को समझने के लिए शोध किया गया है, लेकिन किसी मरीज में इसके होने की प्रारंभिक जानकारी मिलने के बाद भी रोगी के जिंदा बचने की समय सीमा दो साल से भी कम होने से इसके निदान का चिकित्सीय विकल्प सीमित हैं।

यंत्र को विशेष रूप से ग्लियोब्लास्टोमा में ड्राइवर म्यूटेशन और पेसेंजर म्यूटेशन की पहचान करने के लिए विकसित किया था। इस वेब सर्वर को विकसित करने के लिए कई कारक जैसे अमीनो एसिड गुण, डीआई- और त्रि-पेप्टाइड रूपांकनों, संरक्षण स्कोर, और स्थिति विशिष्ट स्कोरिंग मैट्रिसेस (पीएसएसएम) को ध्यान में रखा। शोध का तरीका और टूल का जो इस्तेमाल यहां किया गया है, उसे अन्य बीमारियों में भी प्रयोग किया जा सकता है

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