चीन का अदरक नेपाल के रास्ते तस्करी कर लाया जा रहा भारत ,अफसर अंजान
गोरखपुर: टमाटर के बाद अब नेपाल से अदरक की तस्करी शुरू हो गई है। यह अदरक नेपाल में उत्पादित नहीं, बल्कि चीन की है। भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन तस्कर इसे नेपाल के रास्ते भारतीय मंडियों में पहुंचा रहे हैं। गोरखपुर के महेवा मंडी में इसकी खुलेआम बिक्री हो रही है, लेकिन अफसर अंजान हैं।लोग भी इसे हाथोंहाथ ले रहे हैं क्योंकि यह भारतीय अदरक से 20 से 40 रुपये प्रति किलो सस्ती पड़ रही है।
दो महीने पहले टमाटर के दाम आसमान छू रहे थे, जिसका फायदा उठाते हुए तस्करों ने नेपाल से इसकी तस्करी शुरू कर दी थी। भारत में प्रतिबंधित नेपाली टमाटर की तस्करी के मामले में कई जगह कार्रवाई भी हुई। सख्ती बढ़ने के बाद नेपाली टमाटर की तस्करी पर रोक लग गई थी। लेकिन अब अदरक ने टमाटर की जगह ले ली है।
महेवा मंडी में कई दुकानों पर नेपाल से तस्करी कर लाई गई अदरक बिकती मिली। इसकी कीमत बंगलूरू से आने वाली अदरक की तुलना में 20 से 40 रुपये प्रति किलो कम है। बंगलूरू की अदरक जहां थोक मंडी में 80 से 100 रुपये किलो के बीच बिक रही थी, तो वहीं चीन के अदरक की कीमत 60 से 80 रुपये किलो थी।
हर दिन नेपाल के रास्ते महेवा मंडी में एक से दो गाड़ी चीनी अदरक पहुंच रही है। इन गाड़ियों में 20 से 40 क्विंटल प्रतिबंधित चीनी अदरक रहती है। मंडी में आने के बाद इनकी बिक्री शुरू हो जाती है। लेकिन, मंडी के जिम्मेदारों को इसकी खबर तक नहीं है।
भारतीय व चीनी अदरक में कई अंतर हैं। भारतीय अदरक बड़े होते हैं, जबकि चीनी अदरक छोटे। इनके रंग में भी थोड़ा बहुत अंतर होता है। दोनों अदरक के स्वाद में भी अंतर है। जिसे ज्यादातर लोग भांप नहीं पाते। भारतीय अदरक चीनी अदरक की तुलना में ज्यादा कड़क होती है।
मंडी सचिव रजित राम वर्मा ने कहा कि मंडी में नेपाल से लाकर अदरक बेचने की जानकारी नहीं है। इंस्पेक्टर को भेजकर जांच कराएंगे।