लोकसभा 2024 के लिए भाजपा की दलित रणनीति, प्रदेश के सभी छह क्षेत्रों में अनुसूचित जाति सम्मेलन कराने की है योजना

कानपुर: लोकसभा 2024 को देखते हुए भाजपा ने दलित वोट बैंक को लेकर नई रणनीति बनाई है। अनुसूचित जातियों को अपने खेमे में लाने के लिए पार्टी ने प्रदेश के सभी छह क्षेत्रों में अनुसूचित जाति सम्मेलन कराने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में शनिवार को किदवईनगर क्षेत्र में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र का सम्मेलन हुआ।

अनुसूचित जातियों को समर्पित इस सम्मेलन की कई खासियत रहीं। इसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वागत से लेकर मंच संचालन और संबोधन तक में बिरादरी के लोगों का ही बोलबाला रहा। पहली बार भाजपा के किसी कार्यक्रम में ऐसा देखने को मिला कि अनुसूचित जाति के राज्य मंत्रियों और विधायकों को तरजीह दी गई।

मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी जिस समय यहां पहुंचे उनके स्वागत के लिए अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं की लंबी लाइन लगाई गई थी। बिरादरी से जुड़े समाज सुधारकों, महापुरुषों का चित्र भेंटकर स्वागत किया गया। बिरादरी के ज्यादातर कार्यकर्ताओं को पहली बार मुख्यमंत्री को नजदीक से मिलने का मौका दिया गया।

मंच से कुल 18 लोगों के संबोधन की सूची तैयार की गई, उसमें सभी अनुसूचित जाति के लोग रहे। जिसमें दो मंत्री असीम अरुण और भानू प्रताप वर्मा शामिल रहे। जबकि मंच पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, नंद गोपाल नंदी, सहित कई मंत्री, सांसद, विधायक सभी मौजूद रहे। हालांकि सीएम के कहने पर सतीश महाना ने भी मंच से संबोधन किया

अनुसूचित जातियों का भाजपा और उससे जुड़ी सरकारों के प्रति भरोसा इतना पक्का हो जाए कि विपक्षी दलों के प्रति उनकी धारणा बदल जाए। वे भाजपा में ही अपने को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें। इसीलिए इस सम्मेलन में अनुसूचित बिरादरी के हर छोटे से छोटे कार्यकर्ता को दूसरी बिरादरी के बड़े नेताओं से ज्यादा तवज्जो दी गई। इसके जरिए पार्टी ने अनुसूचित जातियों के बीच भरोसा कायम करने की कोशिश की है। भाजपा अपनी इस रणनीति में काफी हद तक सफल दिखी है।

 

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