रायते को लेकर नर्मदा हॉस्टल में छात्रों ने किया हंगामा, छात्रों को शाकाहारी और मांसाहारी भोजन एक साथ ही परोसा
दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस स्थित नर्मदा हॉस्टल में शुक्रवार को रायते को लेकर हंगामा हो गया। शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों को एक साथ एक ही जार में रायता परोसे जाने पर शाकाहारी छात्र भड़क गए। उन्होंने मांग की कि उन्हें रायता अलग-अलग परोसा जाए।
मांसाहार खाने वाले छात्र खाते हुए अपनी प्लेट में एक ही चम्मच से रायता अपनी प्लेट में डालते हैं। इससे उनकी धार्मिक मान्यताएं खंडित होती हैं। जेएनयू प्रशासन ने शाकाहारी छात्रों की दिक्कत का समाधान निकाला और जार अलग-अलग कर दिए। अब इस फैसले पर वामपंथी छात्र संगठनों ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने खाने के नाम पर छात्रों को बांट दिया है
जेएनयू के सभी हॉस्टल में शाकाहारी और मांसाहारी खाना बनता है और छात्रों को एक साथ एक ही टेबल पर परोसा जाता है। पिछले दिनों नवरात्र के दौरान कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया कि एक ही जार में रायता रखने से उन्हें खाने में दिक्कत हो रही है। मांसाहारी छात्र खाते हुए जार से रायता निकाल रहे हैं। प्रशासन ने समाधान भी निकाला।
शाकाहारी छात्रों का तर्क है कि आईआईटी दिल्ली कैंपस हॉस्टल में भी छात्रों को अलग-अलग परोसा जाता है, ताकि किसी छात्र की खाने को लेकर धार्मिक मान्यताएं खंडित न हों। ऐसे ही जेएनयू मैस में भी होना चाहिए। जब शाकाहारी छात्र के सामने कोई अंडा, चिकन या मटन खाता है तो उनसे खाना नहीं खाया जाता है। क्योंकि उन्होंने कभी नहीं खाया है। उन्हें भी खाने की आजादी का विकल्प चुनने का अधिकार है। इसलिए टेबल अलग होनी चाहिए।