राजस्व विभाग ने 24 अगस्त को लगाई रोक हटाई,उद्योगों और कंपनियों के लिए मिल सकेगी ग्राम सभा की भूमि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब उद्योग स्थापित करने, कंपनी का दफ्तर खोलने, निजी संस्थाओं के लिए ग्राम सभा और स्थानीय प्राधिकरण की भूमि पट्टे पर मिल सकेगी। राजस्व विभाग ने उद्योगों और कंपनियों के लिए ग्राम सभा की भूमि पट्टे पर नहीं देने के 24 अगस्त 2023 के आदेश को निरस्त कर दिया है
राजस्व विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के 2011 के एक आदेश के तहत 24 अगस्त 2023 को निजी उद्योगों, कंपनियों और निजी संस्थाओं को ग्राम सभा और स्थानीय प्राधिकरण की जमीन आवंटित करने पर रोक लगाई थी। इससे उद्योगों को जमीन मिलने में परेशानी उत्पन्न होने लगी। कई निवेशकों के निवेश प्रस्ताव पर तलवार लटकने लगी थी
सरकार ने महाधिवक्ता और विधि एवं न्याय विभाग से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर विधिक राय ली। उसमें सामने आया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने ग्रामीणों के सामान्य उपयोग में आने वाली खलिहान, चारागाह, तालाब, खेलकूद का मैदान, भीटा, चकरोड, नदी और नाला की भूमि को संरक्षित करने के लिए यह आदेश दिया है। राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने ताजा आदेश में स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अवैध कब्जा रोकने और हटाने के लिए सरकार की ओर से समय समय पर शासनादेश जारी किए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने ग्राम सभा की अन्य भूमि को राज्य सरकार के नीतिगत निर्णयों के तहत विभिन्न प्रयोजन के लिए देने पर कोई रोक नहीं लगाई है।
लिहाजा अपर मुख्य सचिव ने 24 अगस्त को जारी अपने आदेश को निरस्त कर दिया है। अब ग्राम सभा की जमीन उद्योगों, कंपनियों और निजी संस्थाओं के उपयोग के लिए आवंटित हो सकेगी