इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी, बालिग जोड़े को मर्जी से साथ रहने का अधिकार; कोई नहीं कर सकता है हस्तक्षेप

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि बालिग जोड़े को अपनी मर्जी से एक साथ रहने का अधिकार है। किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने या उन्हें धमकाने का अधिकार नहीं है। यदि कोई हस्तक्षेप करता है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा लता सिंह केस के निर्देशानुसार एसएसपी/एसपी शिकायत करने पर जोड़े को तत्काल सुरक्षा देंगे।

कोर्ट ने साफ कर दिया कि उसने लिव इन रिलेशनशिप की वैधता पर अपनी कोई राय नहीं दी है। यदि प्राथमिकी या शिकायत है तो याचियों को इस आदेश का फायदा नहीं मिलेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने मऊ निवासी सपना चौहान व सुधाकर चौहान की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है

याची की तरफ से अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह ने बहस की। कहा कि याची बालिग है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

 

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