लखनऊ के 11 मार्ग नो-पार्किंग जोन घोषित, गाड़ी खड़ी करने पर लगेगा भारी जुर्माना
राजधानी लखनऊ को जाममुक्त कराने के लिए नई मुहिम शुरू की गई है। इसमें विधानसभा मार्ग सहित शहर के प्रमुख 11 जगहों को नो-पार्किंग जोन घोषित किया है। अब इन पर वाहन नहीं खड़े हो सकेंगे। ऐसा किया तो क्रेन से वाहन उठा लिए जाएंगे। इसकी फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। इसके बाद वाहन मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा। पुलिस एक सप्ताह जागरूकता अभियान चलाने के बाद यह सख्ती शुरू करेगी। यह जानकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में दी।
जेसीपी के मुताबिक जाम की समस्या को लेकर राजधानी के प्रमुख मार्गों का सर्वे किया गया। इनमें से ज्यादातर बेतरतीब पार्किंग ही वजह निकली। नगर निगम के क्रेन की सुविधा बंद करने से दिक्कत बढ़ गई है। निरीक्षण रिपोर्ट के बाद प्रमुख 11 मार्गों को पूरी तरह से नो-पार्किंग जोन बनाया गया है। शनिवार से यातायात पुलिस की टीम इसे लेकर जागरूकता अभियान शुरू होगा। फिर एक सप्ताह बाद सख्ती से कार्रवाई करेगी। नो-पार्किंग से वाहन उठाने के लिए दस क्रेनों का इंतजाम किया गया है। साथ ही दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। इनमें से एक में यातायात पुलिसकर्मी तो दूसरे में क्रेन संचालन एजेंसी के कर्मचारी बैठेंगे। इसकी 24 घंटे रिकॉर्डिंग की जाएगी।
जेसीपी के मुताबिक नो-पार्किंग जोन में वाहन खड़ा मिला तो पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम से इसकी उद्घोषणा की जाएगी। कुछ देर इंतजार के बाद भी वाहन नहीं हटाया गया तो उसे क्रेन से उठवा लिया जाएगा। पुलिसकर्मी इसकी फोटो खींचने के साथ वीडियो बनाकर तुरंत कंट्रोल रूम को भेजेंगे। ट्रैफिककर्मी कंट्रोल रूम पर रोजाना आंकड़ा अपडेट करेंगे। अगर किसी ने कहा कि पार्किंग में गाड़ी खड़ी थी तो उसकी जांच कर व्यक्ति को वीडियो और फोटो भेजे जाएंगे।
जेसीपी के मुताबिक गाड़ी छोड़ने का अधिकार सिर्फ पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त के पास ही होगा। यह नियम यूपी मोटर नियम 1998 के तहत लागू किया गया है। इसमें नियम 178 के तहत नगर निगम के क्षेत्र में एसपी और उसके बाहर आरटीओ के पास पावर है। नो-पार्किंग स्थल के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड लगाया जाएगा। साथ ही उनके सुझावों पर और भी जगहों को नो-पार्किंग जोन घोषित किया जाएगा।