शाह बोले- देश के गांव बने आत्मनिर्भर, ग्रामीण जनसंख्या वाले भारत की कल्पना नाबार्ड के बिना नहीं

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश के गांव भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं और ग्रामीण अर्थतंत्र की आत्मा मानी जाने वाली हमारी कृषि अर्थव्यवस्था भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को आजादी के अमृत काल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनने का आह्वान किया, ताकि देश के विकास में गांवों की भूमिका सुनिश्चित हो सके

प्रगति मैदान में आयोजित नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, भारत की कृषि अर्थव्यवस्था पर 65 फीसदी आबादी निर्भर करती है। ऐसे में ग्रामीण अंचलों का विकास सभी की प्राथमिकताओं में सर्वोच्च है। शाह ने कहा कि 1982 में कृषि वित्त में केवल 896 करोड़ के लघु अवधि के ऋण थे, जो अब 1.58 लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं। इसमें नाबार्ड ने महती भूमिका का निर्वाह किया है। इस समय में बात करें दीर्घकालीन कृषि ऋण की तो यह 2,300 करोड़ रुपये थे जो कि नाबार्ड की सहायता से अब एक लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं। गृह मंत्री ने कहा, विशाल ग्रामीण जनसंख्या वाले भारत की कल्पना नाबार्ड के बिना नहीं जा सकती है, जिसने पिछले 3 दशकों में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, ढांचागत संरचना, कृषि, कोऑपरेटिव संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों की रीढ़ के रूप में काम किया है। इस मौके पर शाह ने दुग्ध समितियों को माइक्रो एटीएम कार्ड और समितियों के सदस्यों को किसान  क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे बदलावों को गांवों तक पहुंचाने का संकल्प को पूरा करने में नाबार्ड और सहकारी संस्थाओं की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा, चरमराई हुई कोऑपरेटिव व्यवस्था को पुनर्जीवित करने और देश के करोड़ों लोगों को समृद्ध बनाने का एक तंत्र खड़ा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया।

 

 

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