एनजीओ संचालक ने नौकरानी के बच्चों का किया यौन शोषण, कॉपी-किताब देने के बहाने करता था गंदा काम
वाराणसी के भोगाबीर निवासी एनजीओ संचालक सुनील शुक्ला ने चार बच्चों को कॉपी-किताब दिलाने के बहाने अपने घर बुलाया और उनका यौन शोषण किया। इस मामले में बच्चों की माताओं ने नाराजगी जताई और लंका थाने में प्रदर्शन किया। इसके बाद नगवां क्षेत्र के एक बच्चे की मां की तहरीर के आधार पर सुनील शुक्ला के खिलाफ चार बच्चों से अप्राकृतिक दुष्कर्म, उन्हें धमकाने, पॉक्सो व एससी-एसटी एक्ट के तहत लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि बिहार निवासी एक परिवार उसके पड़ोस में किराये पर रहता है। उस परिवार की महिला सुनील शुक्ला के घर में झाड़ू-पोछा का काम करती है। सुनील के घर में काम करने वाली महिला का 12 वर्षीय बेटा अपने साथ उसके 12 वर्षीय पुत्र और पड़ोस के 10 व 11 वर्षीय दो अन्य बच्चों को लेकर सुनील शुक्ला के घर गया।
सुनील ने सभी बच्चों को कॉपी-किताब देने की बात कही थी। चारों बच्चों को सुनील शुक्ला अपने कमरे में ले गया और उनके सामने निर्वस्त्र हो गया। उसने सभी बच्चों के साथ फोटो खिंचवाई। इसके बाद सभी बच्चों के साथ बारी-बारी से गलत काम किया और उन्हें अश्लील वीडियो भी दिखाया।
इसके बाद जातिसूचक गालियां देते हुए धमकाया और कहा कि यदि किसी से कुछ बताया तो अंजाम भुगतना होगा। सुनील शुक्ला के घर पर जो महिला काम करती थी, उसके बेटे से और बच्चों को बुलाने की बात कहा जा रहा था। लंका थानाध्यक्ष अश्वनी पांडेय ने कहा कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ अदालत में प्रभावी तरीके से पैरवी कर उसे कठोर सजा दिलाई जाएगी।
सुनील शुक्ला अस्सी घाट पर रोजाना सुबह गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराने वाली संस्था सुबह-ए-बनारस का पदाधिकारी है। संस्था के संयोजक डॉ. रत्नेश वर्मा ने कहा कि सुनील शुक्ला पर लगे गंभीर आरोपों और दर्ज मुकदमे की जानकारी मिली है। अगले 12 घंटे के अंदर सुनील शुक्ला को संस्था से जुड़े सभी पदों और दायित्व से मुक्त कर दिया जाएगा।