तिरंगा लेकर राजभवन की ओर बढ़ रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, कहा- डोमिसाइल नीति लागू करे सरकार

बिहार:   नई शिक्षक नियमावली के विरोध में शिक्षक अभ्यर्थी  पटना की सड़क पर उतर गए और जमकर प्रदर्शन करने लगे। राजभवन मार्च के लिए शिक्षक अभ्यर्थी पहले गांधी मैदान में जमा हुए। करीब 2000 से अधिक शिक्षक अभ्यर्थी हाथों में तिरंगा लेकर राजभवन की ओर बढ़ रहे थे कि जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया गया। अभ्यर्थी आगे न जा पाए इसके लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। अभ्यर्थी बिहार सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे। उनका कहना है कि बिहार सरकार जल्द से जल्द डोमिसाइल नीति लागू करें। इससे रोड पर अफरातफरी मच गई। कई अभ्यर्थी चोटिल हो गए। शिक्षक अभ्यर्थी बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने पहले ही शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि नई शिक्षा नियमावली का विरोध करने वालों के खिलाफ आचार संहिता के तरह कार्रवाई की जाएगी। इसके पहले शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार को डोमिसाइल नीति लागू करने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटल दिया था। उनका कहना था कि अगर बिहार सरकार बीपीएससी द्वारा ली जाने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में डोमिसाइल नीति खत्म कर दिया गया। इसलिए सरकार जल्द से जल्द इस नीति को लागू करे।

रोहतास, दरभंगा, मधुबनी, नालंदा, सुपौल, सहरसा समेत कई जिलों से आए शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि हमलोग बिहार सरकार के हर मंत्री और विधायक को घरेंगे। इन लोगों ने हमारी डोमिसाइल नीति खत्म कर दी। यह बिहार का अपमान है। बिहार के बच्चों को गरीब और मजदूर बनाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया है। यह काला कानून गलत है। मुख्यमंत्री जी से हमलोग मिलकर बात करना चाहते हैं कि हमारी डोमिसाइल नीति लागू करें। और हमलोग पटना हाईकोर्ट से अपील करते हैं कि हमारी सुरक्षा करें।

पुलिस द्वारा काफी समझाने-बुझाने के बाद शिक्षक अभ्यर्थी रुकने के लिए तैयार नहीं थे। वह लगातार आगे बढ़ रहे थे। बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थियों ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।   पुलिस ने दो दर्जन से अधिक शिक्षक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने सभी को कोतवाली थाने में रखकर पूछताछ कर रही है।

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