अमेठी में निर्मित एके 203, दुनिया की सबसे ख्याति प्राप्त राइफल बनी, इन देशों में है डिमांड

लखनऊ।  रूस की तकनीक पर अमेठी के कोरवा में बनी देशी राइफल एके 203 दुनिया की सबसे ख्याति प्राप्त राइफल बन चुकी है। अब तक करीब 30 लाख एके203 राइफल की खरीद की इच्छा भारतीय अर्धसैनिक बलों के अलावा दक्षिणपूर्व और अफ्रीका के देशों से मिली है। केवल चार साल में इस राइफल को यह मुकाम हासिल हो चुका है।

डिफेंस डायलॉग में सूर्या ऑडिटोरियम में एके 203 राइफल के बनने की कहानी को परियोजना निदेशक मेजर जनरल एके सेंगर ने साझा किया। उनका कहना है कि पूरी तरह भारत में तैयार इस परियोजना का नाम ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत की तर्ज पर एक राइफल, श्रेष्ठ राइफल टैगलाइन दी गई। इससे मेरे खुद के जुड़ने की कहानी भी आश्चर्यजनक रही।

एक बड़े अधिकारी का फोन सीतापुर जाते समय मेरे पास आया और पूछा गया कि क्या इस राइफल के विकास के काम से जुड़ोगे। मैंने कहा कि मुझे कुछ समय दीजिए, मैं इस समय हाइवे पर हूं। मुझे कहा गया कि आपके पास 15 मिनट हैं। इन 15 मिनट में मुझे तय करना था और मैं खुशकिश्मत हूं कि इतने महत्वपूर्ण और देशहित के काम से जुड़ा।

मेजर जनरल एके सेंगर ने बताया कि अपनी पूर्ववर्ती 1991 में बनीं एके103 राइफल से यह सटीक और अधिक मारक क्षमता वाली राइफल है। 2018 में विकसित हुई एके203 जहां केवल 300मीटर तक प्रभावी थी। वहीं एके203 की मारक क्षमता 800 मीटर है। पिस्टल ग्रिप और जरूरी एक्सेसरीज के लिए डिजाइन इसे और बेहतर बनाते हैं। केवल 32 महीने में हमने इसे पूरी तरह भारतीय बनाने में सफलता पाई है। रूस के प्रभारी रहने वाले व्यवहार के बीच उनसे तकनीक लेना आसान नहीं था। हर बार उनके राष्ट्रपति की मंजूरी इसके लिए जरूरी होती थी। 2019 में कंपनी बनाकर इसका निर्माण शुरू हो पाया। पांच लाख से अधिक राइफल अब तक यहां बनाई जा चुकी हैं।

 

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