पहले मीठी बातों का जाल, फिर न्यूड वीडियो कॉल; हसीनाओं के गैंग से रहें सावधान
बरेली। अनजान नंबर से फोन कॉल…। किसी महिला की आवाज…। पहले बिना वजह बातचीत का सिलसिला, फिर दोस्ती। किसी दिन झांसे में आकर वीडियो कॉल और पता ही नहीं चलता कि मीठी बातों का ये जाल कब आपके लिए जी का जंजाल बन गया।
हम बात कर रहे हैं हनी ट्रैप की। आमतौर पर विदेशी जासूसी एजेंसियां खूबसूरत महिलाओं का इस्तेमाल कर किसी देश की गोपनीय सूचनाएं निकलवाने के लिए ऐसा करती हैं। धीरे धीरे इसका स्वरूप बदला। इसका इस्तेमाल रुपये ऐंठने के लिए होने लगा। यानी सोशल मीडिया के जरिये कोई महिला दोस्ती गांठती है और वीडियो कॉल पर बातकर कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों की क्लिप बना लेती है।
फिर बदनामी का भय दिखाकर ठगी का सिलसिला शुरू हो जाता है। अब इंटरनेट की दुनिया के साथ ही हनी ट्रैप करने वाले छोटे-छोटे गिरोह बरेली में भी सक्रिय गए हैं। पहले शहर के कई प्रभावशाली लोग इसके शिकार हुए। अब आमलोग भी इसके झांसे में आ रहे हैं। इनका मकसद एक ही है… मीठी बातों के जाल में फंसाकर जिससे जितनी उगाही हो सके, कर लो।
हनी ट्रैप गिरोह से ठगी के शिकार लोगों की फेहरिस्त काफी लंबी है। थोड़ी सी मस्ती के चक्कर में होश खोने वाले कई लोग लाखों रुपये गंवा चुके हैं। वह उस वक्त गिड़गिड़ाते रहे पर गिरोह नहीं पसीजा। ऐसे लोग अब अफसरों से शिकायत करने पहुंच रहे हैं।
पुलिसकर्मियों, कई विभागों के कर्मचारियों और रसूखदारों को शिकार बनाते रहे स्थानीय गिरोह का खुलासा जल्द हो सकता है। एसएसपी दर्ज मुकदमों और शिकायतों की समीक्षा करा रहे हैं। शुरुआती पड़ताल में कई चौंकाने वाली चीजें सामने आ रही हैं। अब तक दूसरों को धमकाकर व मुकदमे दर्ज कराकर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य पहली बार सहमे हुए हैं।
महिला का गिरोह तेजी से लोगों को फंसाने और ठगने में जुटा है। इस गिरोह में पढ़ी लिखी युवतियो, से लेकर छुटभैये अपराधी तक हैं। युवतियां लोगों से पहचान बढ़ाकर फंसाती हैं। फिर उनकी अश्लील वीडियो बनाकर उनसे वसूली की जाती है। बदनामी का भय दिखाते हैं। छुटभैये अपराधी युवती के भाई, पिता या प्रेमी बनकर धमकाते हैं।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि हनीट्रैप से संबंधित आरोप लगाते हुए शिकायतें की गई हैं। स्थानीय स्तर पर गिरोह सक्रिय होने की जानकारी मिली है। मामलों में जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।