नाम बदलने के मामले में आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा यूपी बोर्ड

इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से एक व्यक्ति का नाम बदलकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का नया सर्टिफिकेट जारी करने के आदेश के खिलाफ यूपी बोर्ड सुप्रीम कोर्ट जाएगा। इसके लिए बोर्ड के अधिकारी अधिवक्ताओं से कानूनी सलाह ले रहे हैं। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड के एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में बोर्ड आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा।

यूपी बोर्ड के एक्ट में दर्ज प्रावधान के मुताबिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी होने के तीन साल के अंदर किसी भी परीक्षार्थी का नाम और जन्मतिथि परिवर्तित की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि परीक्षार्थी सही और आवश्यक कागजात के साथ बोर्ड में नाम या जन्मतिथि बदलने के लिए आवेदन करें। बोर्ड दस्तावेजों की जांच करने के बाद परिवर्तन करता है। इसके लिए पिछली कक्षा की टीसी समेत अन्य कागजात आवेदन के साथ जमा करने पड़ते हैं।

हाईकोर्ट के आदेश को लेकर बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि बोर्ड के एक्ट में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में बोर्ड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा। एक्ट इसलिए बनाया गया है कि कोई भी इसका दुरुपयोग न कर सके।

यूपी बोर्ड में नाम, जन्मतिथि आदि बदलने के 40 हजार मामले लंबित पड़े हुए हैं। बोर्ड इन मामलों को निस्तारित करने के लिए प्रत्येक जिले में 12 जून से कैंप लगाएगा। इसके लिए बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की तरफ से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कैंप की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के डीआईओएस पर होगी। इस प्रकार के मामलों को निस्तारित करके बोर्ड अपना बैकलॉग खत्म करने की तैयारी में है। परीक्षा वर्ष 2023 की बात करें, तो अभी तक इस बार की परीक्षा में दो फीसदी ही संशोधन के मामले सामने आए हैं। इनके निस्तारण के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है।

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