यतीमखाना संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर हुई कार्रवाई
कानपुर में जेजे एक्ट में बिना रजिस्ट्रेशन कराए नाबालिग बच्चों को रखने के मामले में अंजुमन यतीमखाना के संचालक के खिलाफ कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के आदेश के बाद की गई है। आयोग ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 (जेजे एक्ट) के प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश किए थे। जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है
अंजुमन यतीमखाना प्रबंध समिति की अध्यक्ष अर्जुमंद फारूकी ने बताया कि जेजे एक्ट में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इस मामले में रविवार को प्रबंध समिति ने बैठक करके मामले पर विचार-विमर्श किया।
अध्यक्ष अर्जुमंद फारूकी ने बताया कि प्राथमिकी के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। इसके अलावा किसी सदस्य का इस्तीफा भी उनके पास नहीं आया है। जेजे एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बच्चों को वापस यतीमखाना लाया जाएगा। इस समय 10 बालिग लड़कियां यतीमखाना में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई बड़ा मामला नहीं है। जेजे एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी पहले शुरू कर दी गई थी।