बच्चों का अपहरण कर बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार, छह हिरासत में
वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने बच्चों का अपहरण करके बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में रविवार को गिरोह के एक सदस्य को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही वाराणसी के रवींद्रपुरी स्थित रामचंद्र शुक्ल चौराहा से अपहृत चार साल और नगवां स्थित एक मकान से अपहृत पांच माह की बच्ची सहित पांच को बरामद किया गया है।
अंतरराज्यीय गिरोह के छह और सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपियों की निशानदेही पर ही बच्चे बरामद किए गए हैं। बच्चों के अपहरण व उन्हें बेचने वाले गिरोह के तार बिहार, राजस्थान व झारखंड से जुड़े हैं। पुलिस के मुताबिक बच्चों को नि:संतान दंपतियों के हाथों बेचा जाता था। इसके एवज में दो लाख से दस लाख रुपये तक वसूले जाते थे।
भेलूपुर थाना क्षेत्र के रवींद्रपुरी स्थित रामचंद्र शुक्ल चौराहे पर सड़क किनारे सो रहे संजय कुमार व उनकी पत्नी मानवी के बीच से चार वर्ष के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 100 सीसी फुटेज की जांच से पता चला कि कार से आए लोगों ने बच्चा उठाया है।
अपहरणकर्ताओं की पहचान भी की गई, फिर पुलिस की टीमें गठित करके अलग-अलग राज्यों में भेजी गईं। वाराणसी में दबिश के दौरान अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य व सिंदुरिया पोखरी शिवदासपुर वाराणसी निवासी संतोष गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी में सर्विलांस का सहारा लिया गया।
भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे, दरोगा शिवम श्रीवास्तव, प्रभाकर सिंह व श्रीप्रकाश सिंह की टीम ने आरोपी संतोष को गिरफ्तार करके पूछताछ की। संतोष से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में राजस्थान, बिहार और झारखंड में दबिश दे रही है। अब तक गिरोह के छह सदस्यों को हिरासत में लिया गया है।
संतोष ने पुलिस को बताया कि उसके गिरोह ने हाल के दिनों में बनारस में रामचंद्र शुक्ल चौराहा स्थित सड़क के किनारे से चार साल का बच्चा, नदेसर में सड़क के किनारे से दो साल का बच्चा, नगवां स्थित एक मकान से पांच माह की बच्ची और चौकाघाट से एक छोटी बच्ची का अपहरण किया था। इसके अलावा प्रयागराज के अलोपीबाग स्थित ओवरब्रिज के नीचे से एक बच्चा और मिर्जापुर के विंध्याचल स्टेशन के समीप से एक लड़का व लड़की का अपहरण किया था।
पुलिस की पूछताछ में संतोष ने बताया कि अपहृत बच्चों में से दो को उसके गिरोह ने जयपुर में मनीष जैन, पारस, घनश्याम और जगदीप बरनवाल को बेचा था। शेष पांच बच्चों को झारखंड के गिरोह को सौंप दिया गया।