ड्यूटी पर तैनात सिपाही की हत्या का मामला, पुलिस मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर,कोतवाली प्रभारी भी घायल
उरई कोतवाली क्षेत्र की हाईवे चौकी पर तैनात सिपाही की हत्या के आरोपी दो बदमाशों को पुलिस ने दोपहर में मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया। मुठभेड़ फैक्टरी एरिया में हुई है। इस घटना में कोतवाली उरई के प्रभारी शिवकुमार राठौर को भी हाथ में गोली लगी है।
कोतवाली प्रभारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। मारे गए आरोपी उरई कोतवाली क्षेत्र के ही रहने वाले थे। उरई नेशनल हाईवे की पुलिस चौकी से चंद कदम दूर ड्यूटी पर तैनात सिपाही भेदजीत सिंह की नौ मई को रात में नुकीले हथियार से हत्या कर दी गई थी।
हत्या बाइक सवार दो बदमाशों ने की थी, जो मौके से भाग गए थे। सिपाही की हत्या की खबर सुनकर पूरा पुलिस महकमा हिल गया था। पुलिस इस घटना को अपने लिए चुनौती मानकर चल रही थी। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत और संसाधन झोंक दिए थे।
कानपुर से एडीजी आलोक सिंह, डीआईजी जोगेंद्र सिंह दिनभर यहीं डेरा डाले रहे थे। पुलिस ने खोजी कुत्तों के माध्यम से पूरे घटनास्थल की छानबीन की थी। एसटीएफ भी उसी समय से उरई में डेरा डाले हुए थे। पुलिस को सूचना मिली कि सिपाही की हत्या के आरोपी अपने गांव की तरफ आ रहे हैं।
उसी दौरान पुलिस ने घेराबंदी की, तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। एसओजी और पुलिस की टीमों की जवाबी फायरिंग में दोनों बदमाश ढेर हो गए। ढेर हुए बदमाशों में एक की पहचान कल्लू निवासी रहिया और दूसरे की पहचान रमेश निवासी सरसौकी के रूप में की गई है।दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने जिला अस्पताल भेज दिया है
मुठभेड़ में बदमाशों के ढेर होने की सूचना पर पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा व अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी भी मौके पर आ गए।जिस दिन सिपाही भेदजीत सिंह की हत्या की गई थी, उस दौरान पुलिस ने घटनास्थल की सघन पड़ताल की थी। उस दौरान पुलिस को चप्पल, अंगोछा और एक बोरी मिली थी। पुलिस ने इस मामले में कई कबाड़ियों को उठाया था। उनसे पूछताछ में पुलिस को कई सुराग मिले थे।
सिपाही भेदजीत सिंह मथुरा जिले के बलदेव थाने के चौरंबर गांव का रहने वाला था। वह फौज से हवलदार पद से रिटायर हो गया था। उसके बाद वह 2019 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने में भर्ती हो गया था। तब से ही वह उरई में ही अपनी सेवाएं दे रहा था।