तेल पाइपलाइन विकसित करने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत, ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की रिपोर्ट में खुलासा
ऊर्जा परियोजनाओं पर नजर रखने वाली संस्था ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की रिपोर्ट 2023 के अनुसार भारत तेल पाइपलाइनों के शीर्ष पांच डेवलपर्स देशों में से एक है। इनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं, जो निर्माणाधीन और प्रस्तावित हैं। भारत के साथ निर्माणाधीन और प्रस्तावित पाइपलाइन वाले अन्य प्रमुख देशों में अमेरिका, इराक, ईरान और तंजानिया हैं। विश्व स्तर पर इस समय लगभग 9,100 किलोमीटर तेल संचरण पाइपलाइन निर्माणाधीन हैं और 21,900 किलोमीटर प्रस्तावित हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 31,000 किलोमीटर तेल पाइपलाइनों का विकास किया जा रहा है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में लगभग 30 फीसदी ज्यादा है। भारत ने पारादीप नुमालीगढ़ क्रूड पाइपलाइन निर्माणाधीन है और न्यू मुंद्रा- पानीपत ऑयल पाइपलाइन दुनिया की सबसे लंबी प्रस्तावित तेल पाइपलाइनों में से एक होगी। पारादीप नुमालीगढ़ क्रूड पाइपलाइन पारादीप बंदरगाह से शुरू होगी। यह ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, असम होते हुए नुमालीगढ़ रिफाइनरी में समाप्त होगी। यह परियोजना असम में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के स्वामित्व में है। 2024 में यह काम करना शुरू कर देगी। प्रस्तावित नई मुंद्रा- पानीपत तेल पाइपलाइन गुजरात के कच्छ जिले के चुडवा से शुरू होगी।
यह राजस्थान के नागौर, जालोर, झुंझुनू, सीकर, जोधपुर और पाली जिलों से होकर गुजरेगी। यह इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड की पानीपत रिफाइनरी में समाप्त होगी। ग्लोबल ऑयल इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुसार तेल पाइपलाइनों के विस्तार से निम्न कार्बन ऊर्जा प्रणालियों और ट्रांसमिशन नेटवर्क का निर्माण होगा, जो पर्यावरण और मानव जीवन को बेहतर मौके दे सकेगा।