आवास विकास में सस्ता होगा संपत्ति नामांतरण, एलडीए की तर्ज पर शुल्क लागू करने का प्रस्ताव
आवास विकास परिषद के मूल आवंटी या उससे खरीद चुके खरीदार से कोई आवासीय व व्यावसायिक संपत्ति को खरीद कर अपने नाम दर्ज कराना चाहते हैं तो यह आपके लिए राहत वाली खबर है। आवास विकास संपत्ति का नामांतरण सस्ता करने जा रहा है। ऐसे में अब आपको नामांतरण शुल्क के नाम पर संपत्ति कीमत की एक फीसदी धनराशि देनी नहीं पड़ेगी।
आवास विकास परिषद एलडीए की तर्ज पर इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे 19 मई की बोर्ड बैठक में पेश करेगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो प्रदेश भर में आवास विकास की संपत्ति को मूल आवंटी से खरीदकर अपने नाम कराना सस्ता होगा।
इसके अतिरिक्त संपत्ति विनियमावली में संशोधन की भी तैयारी है। खासकर, व्यावसायिक संपत्ति की नीलामी में कई बार जब एक ही बोली लगाने वाला होता तो आवास विकास परिषद को उसके आवंटन में दिक्कत होती है। इस समस्या के समाधान के लिए संपत्ति विनियमावली में संशोधन करने का भी प्रस्ताव बन रहा है।
आवास विकास परिषद नामांतरण शुल्क के लिए तीन दरें बना सकता है। पहली दर तीन हजार रुपये, दूसरी दस हजार और तीसरी 20 हजार रुपये करने पर विचार-विमर्श चल रहा है। यानी नामांतरण का अधिकतम शुल्क 20 हजार रुपये, चाहे संपत्ति की कीमत कितनी भी हो।
नामांतरण शुल्क का यह प्रस्ताव उनके लिए है, जो मूल आवंटी या उससे खरीदे खरीदार से संपत्ति खरीदने वालों के लिए है। वहीं, मृतक आश्रितों के लिए नौ हजार रुपये समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशन शुल्क और पांच हजार रुपये नामांतरण शुल्क हो सकता है। साथ ही मूल आवंटी के बाद संपत्ति एक बार से अधिक बिकी होगी तो उसका नामांतरण कराने पर शुल्क के अतिरिक्त एक निश्चित धनराशि का भी प्रावधान किया जा सकता है, जैसा कि एलडीए ने 10 हजार रुपये का शुल्क तय किया है।